बैगन भर्ता, बाटी चोर की कहानी | Bingan Chor Ki Kahani -

बैगन चोर की कहानी


        बहुत पुरानी बात है एक राज्य में एक राजा राज्य करता था | राजा के महल के पास सब्जी का बागान था  | राजा के महल की सब्जियां इसी बागान से जाती थी | राजा को बैंगन बहुत पसंद था, राजा ने नये किस्म की प्रजाति का बैंगन अपने बागान में लगवाया | जब बैगन की फसल आई तब राजा ने सोचा की बैंगन का भर्ता और बाटी का खाना रखा जाये जिसमें महल के सभी मंत्री, सैनिक और कर्मचारी शामिल होंगे | रसोइयों ने बड़े जतन से बैंगन का भर्ता और बाटी बनाई | खाना बहुत स्वादिष्ट था, राजा सहित महल के सभी लोगों ने जी भर कर बैगन भरता और बाटी का मजा लिया |

राजा का एक प्रिय मंत्री था उसे भी बैंगन भर्ता और बाटी बहुत पसंद आये, उसने कुछ खाना अपने घर के लिए भी रख लिया | मंत्री जब अपने घर पहुंचा तो उसने खाना अपनी पत्नी को भी चखाया | मंत्री की पत्नी को भी बैंगन भर्ता और बाटी बहुत पसंद आये, खाना ख़त्म हो गया किन्तु उसका जी नहीं भरा | मंत्री की पत्नी ने मंत्री से कहा - " मुझे बैंगन भर्ता और बाटी बहुत पसंद आये, मुझे राजा के महल के यही बैगन ला देना तो मैं भी भर्ता बना लूंगी और हम जी भर कर बैंगन का भर्ता और बाटी खायेंगें |"

मंत्री को पता था की राजा को बैंगन बहुत पसंद हैं और अगर कोई महल से बैंगन की चोरी करता है तो राजा उसे कठोर सजा देगा | मंत्री बोला- " भागवान ! ये राजा के बागान के बैंगन हैं इन्हें जो भी तोड़ता है राजा उसे  कठोर से कठोर दण्ड देता है |"

किन्तु मंत्री की पत्नी को  बैंगन का भर्ता और बाटी इतने पसंद आये की वह मंत्री की कोई बात सुनने के लिए तैयार नहीं थी उसने धमकी दी की अगर उसे राजा के महल के बैंगन नहीं मिले तो वह हमेशा के लिए मायके चली जाएगी |

मंत्री को अपनी पत्नी के क्रोध के आगे राजा का क्रोध सहना ज्यादा आसान लगा | मंत्री ने तय कर लिया की वह राजा का दण्ड सह लेगा किन्तु पत्नी को राजा के बागान से बैगन लाकर देगा | दूसरे दिन सुबह होते ही मंत्री राजा के महल पहुंचा और बागान का मुआयना करने | मौका पाते ही मंत्री ने कुछ बैंगन तोड़ कर रख लिए और घर आकर पत्नी को दे दिए | मंत्री की पत्नी बहुत खुश हुई और शाम होते ही उसने बैंगन का भर्ता और बाटी बनाई | बैंगन का भर्ता बहुत ही स्वादिष्ट था दोनों ने जी भर कर खाना खाया | मंत्री की पत्नी बोली- "हमने तो खाना खा लिया किन्तु हमारा बेटा छत पर सो रहा और वह भी भूखा है, उसे भी स्वादिष्ट बैंगन का भर्ता और बाटी खिलते है  |"

मंत्री बोला- " अगर हमने अपने बेटे को बैगन का भर्ता खिला दिया तो यह बात राजा तक पहुँच जाएगी, क्यूंकि हमारा बेटा कभी झूठ नहीं बोलता और वह सब सच बतला देगा  |"

मंत्री के बार-बार माना करने पर भी उसकी पत्नी नहीं मानी  मजबूरन मंत्री अपने बेटे को जगाने  छत पर गया और उसके चालाक दिमाग में एक युक्ति सूझी | मंत्री छत पर पानी ले गया और अपने बेटे के ऊपर पानी इस तरह से डाला मानो बरसात हो रही है | मंत्री ने अपने लड़के को जगाया और बोला- " बेटा ! बहुत तेज बारिस हो रही है अन्दर चलो|" 

 मंत्री अपने बेटे को लेकर नीचे चला गया और उसके कपडे बदलकर बैंगन का भर्ता और बाटी खिलाई | खाना लकड़े को भी बहुत स्वादिष्ट लगा |

 दूसरे दिन राजा को यह बात पता लगी की कोई उसके महल के बैंगन चोरी कर ले गया | यह देख कर राजा को बहुत गुस्सा आया और उसने अपने सैनिकों को चोर को ढूंढकर लाने का आदेश दिया | सैनिकों ने पता-साजी करी तो पता लगा कि सुबह मंत्री जी बागान में आये थे | यह बात राजा को बतलाई गई और राजा ने मंत्री को बुलावा भेजा | मंत्री जी समझ गए की राजा को उस पर शक है | मंत्री राजा के पास पहुंचा तो राजा ने उससे पूछा की क्या उसने महल के बैंगन चोरी किये हैं | 

मंत्री ने कहा- " महाराज ! मेरी इतनी हिम्मत नहीं है कि मैं आपके बागान से बैंगन चोरी कर सकूँ|"

राजा को पता था की मंत्री का बेटा कभी झूंठ नहीं बोलता है | उसने मंत्री के बेटे को बुलाया और पुछा- " बेटा ! कल तुम्हारे घर में खाने में क्या बना था |"

मंत्री के बेटे ने बतला दिया कि कल रात उनके घर बैंगन का भर्ता और बाटी बनी थी | लकड़े की बात सुनकर सभी को यकीन हो गया की मंत्री ने ही बैंगन चोरी किये है और अब उसे कठोर दण्ड मिलेगा|

राजा मंत्री से बोला- मंत्री जी ! कल सुबह आप बागन गए और आपके बेटे की बातों से यह सिद्ध हो गया कि आपने ही बैगन चोरी किये हैं |"

मंत्री बोला- " महाराज इससे पूछिए कल रात मौसम कैसा था ?"

राजा को कुछ अजीब लगा किन्तु उसने मंत्री के बेटे से कल रात के मौसम के बारे में पूछा | मंत्री का बेटा बोला -" महाराज ! कल रात बहुत तेज बारिस हो रही  |" राजा बोला - " कलरात में मौसम खुला हुआ था और बारिस की एक बूंद नहीं गिरी | "

तभी मंत्री बोला- " महाराज ! यही तो मैं आप से बतलाना चाह रहा था | दरअसल परसों जब मैं महल से बैगन-भर्ता और बाटी खा कर गया था तब मैंने यह बात अपने घर में बतलाई और बतलाया कि बैंगन का  भर्ता और बाटी बहुत स्वादिष्ट थे तभी से बालक बैंगन का भर्ता भंगता हुआ सो गया और सपने में कुछ भी बड-बड़ा रहा था और बैगन-भर्ता और बरसात होने की बात कर रहा है |

राजा ने यह जानते हुए की मंत्री की बैंगन चोर है, मंत्री को छोड़ दिया और मंत्री की बुद्धिमानी का कायल हो गया |  

शिक्षा- " बुद्धि से बड़ी से बड़ी मुसीबत को टाला जा सकता है | "