खरगोश और बाज की कहानी |
खरगोश और बाज की कहानी | Madadgar Khargosh ki kahani -
बहुत पुरानी बात है एक जंगल था उसमें बहुत सारे जानवर रहते थे। उन जानवरों में पिंटू नाम का एक खरगोश भी था जो बहुत ही दयालु और मददगार प्रवृत्ति का था। जंगल में जब भी किसी जानवर को किसी मदद की अवश्यकता होती तो पिंटू खरगोश उसकी मदद अवश्य करता था। खरगोश के इन्हीं गुणों के कारण जंगल के सारे जानवर उसे बहुत ज्यादा पसंद करते थे।
एक बार पिंटू खरगोश खाने की तलाश में घूम रहा था तभी शिकारी कुत्तों की नजर उस पड़ गई। पिंटू खरगोश को अकेला देख कुत्तों ने उसे अपना शिकार बनाना चाहा और उसके पीछे पड़ गए। अब पिंटू डर के कारण बहुत ही तेजी से भाग रहा था । पिंटू आगे-आगे था और शिकारी कुत्ते उसके पीछे-पीछे । पिंटू खरगोश को लग रहा था कि शायद आज वह नहीं बच पाएगा।
तभी पिंटू खरगोश की नजर एक जंगली भैंसे पर पड़ी भैंसा घास चर रहा था । पिंटू खरगोश ने जंगली भैंस से मदद मांगी और बोला - " भैंसा भाई ! देखो यह जंगली कुत्ते मेरे पीछे पड़े हुए हैं और मुझे मार कर खाना चाहते हैं । कृपया कर आप इनसे मुझे बचा लीजिए।"
जंगली कुत्तों को देखकर भैंसा भी डर गया क्योंकि जंगली कुत्ते 8 से10 की संख्या में थे और जंगली भैंसा अकेला था, उसे लगा कि शायद जंगली कुत्ते कहीं उसी का शिकार ना कर लें इसलिए जंगली भैंसा खरगोश से बोला -" खरगोश भाई ! तुमने हमेशा मेरी मदद की है मैं तुम्हारी मदद तो करना चाहता हूं किंतु इस वक्त मुझे बहुत ही जरूरी काम है इसीलिए मुझे यहां से जाना पड़ेगा । " इतना कहकर जंगली भैसा वहां से चला गया।
पिंटू खरगोश अपनी जान बचाकर फिर भागने लगा और जंगली कुत्ते उसके पीछे थे तभी उसे एक बारहसिंघा दिखलाई दिया । खरगोश बारहसिंघा के पास जाकर बोला- " जंगली कुत्ते मेरे पीछे पड़े हुए हैं कृपया आप इनसे मेरी रक्षा करिए। " जंगली कुत्तों को देखकर बारहसिंघा भी डर गया और खरगोश से बोला- " खरगोश भाई! मेरे घर में परिवार वाले मेरा रास्ता देख रहे हैं, घर में मुझे बहुत ही जरूरी काम है इसलिए मुझे जाना होगा । " इतना कहकर बारहसिंघा वहां से भाग गया।
बारहसिंघा के जाते ही खरगोश फिर भागने लगा । भागते-भागते खरगोश को एक घोड़ा दिखलाई दिया खरगोश ने घोड़े से सहायता मांगी किंतु घोड़ा बोला -" अगर मैं तुम्हारी सहायता करूंगा तो यह जंगली कुत्ते मुझे भी मार डालेंगे ।" इतना कहकर घोडा भी वहां से भाग गया ।
मदगार खरगोश की कहानी |
इसी प्रकार भागते-भागते खरगोश को बहुत सारे जानवर मिले किंतु किसी ने भी खरगोश की मदद नहीं की। खरगोश बहुत डरा हुआ था और जंगली कुत्ते अभी भी उसके पीछे पड़े हुए थे तभी खरगोश को आसमान में एक बाज दिखाई दिया । बजा ने भी भागते हुए खरगोश को देख लिया बाज नीचे की तरफ खरगोश के पास आया । तभी खरगोश ने बाज से सहायता मांगी। एक बार खरगोश भी बाज की मदद कर चुका था इसलिए बज भी खरगोश की मदद करना चाहता था।
बाज ने खरगोश को अपने पंजों में दबाया और खरगोश को लेकर आसमान में उड़ गया और शिकारी कुत्ते देखते ही रह गए । बाज ने खरगोश को एक सुरक्षित स्थान पर उतार दिया । खरगोश ने बाज को बहुत धन्यवाद दिया । बाज बोला- " मित्र ! तुमने भी मेरी मदद की थी इसीलिए तुम्हारी मदद करना मेरा कर्तव्य था । इतना कहकर बाज उड़ गया और खरगोश अपने घर चला गया ।
शिक्षा- " बाज और खरगोश की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि अगर हम किसी की सहायता करते हैं तो बुरे वक्त में कोई ना कोई हमारी सहायता अवश्य करता है"
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