हाथी और कुत्ते की कहानी |
हाथी और कुत्ते की कहानी | Hathi aur Kutte ki Kahani
एक समय की बात है किसी राज्य में एक शक्तिशाली राजा राज्य करता था। उस राजा के महल में बहुत से हाथी थे किंतु राजा का सबसे प्रिय हाथी सरमन था। सरमन बहुत ही शक्तिशाली और बुद्धिमान हाथी था । राजा जब भी लड़ाई के मैदान में जाता तो हमेशा सरमन पर ही सवार होकर जाता था और अपना हर युद्ध जीत कर आता था।
राजा ने सरमन के लिए एक अलग ही कक्ष बना रखा था जिसमें सरमन रहता और खाता पीता था। सरमन की सेवा के लिए अलग से महावत लगा हुआ था। सरमन हाथी जहां रहता था उसी के पास कुत्ते का एक बच्चा भी रहता था । राजा का प्रिय हाथी होने के कारण सरमन को तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान दिए जाते थे ।
सरमन के खाने के बाद जो भी जूठन बचती उसे चुपके से कुत्ते का बच्चा खा लेता था। सरमन शक्तिशाली होने के साथ ही बहुत ही दयालु प्रवृत्ति का हाथी था । उसने देखा कि कुत्ते का बच्चा उसकी जूठन खाकर अपना पेट भरता है तो उसने कुत्ते के बच्चे से कहा- " तुम तुम मेरे खाने के बाद जो बचता है उसे क्यूँ खाते हो ? तुम आज से मेरे संथ ही खाना खाया करो । "
कुत्ते का बच्चा बोला- " आप राजा के प्रिय हाथी हो मै आपके सांथ खाना कैसे खा सकता हूँ |"
कुत्ते के बच्चे की बातें सुनकर सरमन हाथी बोला- " एक काम करो तुम मेरे मित्र बन जाओ फिर तो हम दोनोंसांथ में बैठ कर खाना खा सकते हैं |"
कुत्ते और हाथी की कहानी |
हाथी अकेला बोर होता था उसने कुत्ते के बच्चे के सांथ दोस्ती कर ली और दोनों सांथ में खाना खाते और खेलते थे । धीरे-धीरे कुत्ते का बच्चा बड़ा होने लगा और अच्छा भोजन खाने के कारण काफी हष्ट पुष्ट हो गया। एक दिन व्यापारी उस रास्ते से गुजर रहा था । व्यापारी की नजर उस कुत्ते पर पड़ी और उसने सोचा की इतना हष्ट पुष्ट कुत्ता मेरे घर की रखवाली के लिए अच्छा रहेगा। व्यापारी ने महावत को कुछ रुपए का लालच दिया । महावत का कुत्ते पर कोई अधिकार नहीं था फिर भी पैसे के लालच में उसने व्यापरी को कुत्ता बेंच दिया । व्यापारी कुत्ते को अपने साथ ले गया।
उधर कुत्ता भी हाथी से बिछड़ कर बहुत दुखी था । कुत्ते के जाने से सरमन हाथी भी उदास रहने लगा और और उसने खाना पीना कम कर दिया। धीरे-धीरे हाथी कमजोर होने लगा । राजा ने जब हाथी की ऐसी हालत देखी तो वह बहुत चिंतित हुआ और उसने महावत से हाथी के कमजोर होने का कारण पूछा।
महावत को को भी समझ में नहीं आ रहा था कि हाथी को क्या हो रहा है। राजा ने राजवैध को बुलाया और पूछा- " मेरे इस प्रिय हाथी को क्या हुआ यह दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा है । राजवैध ने हाथी का परिक्षण किया और रजा को जवाब दिया- " महाराज ! हाथी किस के वियोग से दुखी है इसी कारण इसने खाना पीना छोड़ दिया है और कमजोर होने लगा है |"
राजा ने जब इसके बारे में जानकारी एकत्र की तो उसे पता चला कि हाथी की दोस्ती एक कुत्ते से थी और कुत्ते के जाने के बाद से ही हाथी का स्वास्थ्य खराब हुआ है। राजा ने अपने सैनिकों को आज्ञा दी कि किसी भी तरह उस कुत्ते का पता लगाकर उसे वापस लाया जाए। सैनिकों ने कुत्ते का पता लगाकर व्यापारी सहित कुत्ते को राजा के सामने पेश किया।
Hathi aur Kutte ki kahani |
व्यापारी ने रजा को पूरी बात बतलाई | राजा बहुत दयालु प्रवृत्ति का था उसने महावत और व्यापारी को माफ कर दिया और कुत्ते को हाथी के पास भेज दिया। कुत्ते को देखते ही हाथी अत्यंत प्रसन्न हुआ और कुत्ते को अपनी सूंढ़ में लपेट कर अपनी पीठ पर बैठा लिया। हाथी से मिलकर कुत्ता भी फूला नहीं समा रहा था। कुत्ते के आते ही हाथी ने फिर से खाना शुरू कर दिया और पहले की तरह हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ हो गया।
शिक्षा - हाथी और कुत्ते की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि दोस्ती में कोई बड़ा छोटा या अमीर गरीब नहीं होता।
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