बहुत पुरानी बात है एक जंगल था उस जंगल के सभी जानवर आपस में मिल जुल कर रहते थे। उसी जंगल में एक शक्तिशाली शेर रहता था जो जंगल का राजा था। जंगल में एक लोमड़ी भी रहती थी जो बहुत चालाक और होशियार थी ।
लोमड़ी के मन में हमेशा से ही जंगल का राजा बनने की चाहत । थी वह किसी भी तरह शेर की जगह जंगल का राजा बनना चाहती थी। उसने कई बार प्रयास किए किंतु हर बार असफल रही। एक बार चालाक लोमड़ी ने सोचा क्यों ना जंगल में भी चुनाव करा लिए जाएं । इसी बहाने मुझे राजा बनने का मौका मिल सकता है।
लोमड़ी सबसे पहले हाथी के पास गई और बोली - " हाथी महाराज ! आप तो इस जंगल के सबसे शक्तिशाली जानवर हो लेकिन आप की जगह शेर को जंगल का राजा क्यों बनाया गया है? इस जंगल का राजा तो आपको होना चाहिए। "
हाथी को लोमड़ी की बात में दम लगा । हाथी बोला-" वह तो सब ठीक है लेकिन मैं जंगल का राजा बनूंगा कैसे? जंगल का राजा तो शेर है।"
लोमड़ी ने झट से जवाब दिया - " हाथी महाराज ! इस बार जंगल में चुनाव करवा लिया जाए । जिसे सबसे अधिक वोट मिलेंगे वह जंगल का राजा बन जाएगा।" हाथी लोमड़ी की बातों में आ गया और जंगल में चुनाव कराने के लिए तैयार हो गया।
हाथी के बाद लोमड़ी जिराफ के पास गई और बोली - " जिराफ भाई ! इस जंगल में आप सबसे लंबे जानवर हो तो फिर शेर जंगल का राजा क्यों है।"
जिराफ भी लोमड़ी की बातों में आ गया और जिराफ के दिल में भी जंगल का राजा बनने की तमन्ना जाग गई। इसके बाद लोमड़ी चीता के पास गई और बोली - " चीता भाई! तुम तो इस जंगल के सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर हो तो फिर शेर जंगल का राजा क्यों है। इस जंगल का राजा तो तुम्हे ही होना चाहिए।" अब चीता के दिल में भी जंगल का राजा बनने की इच्छा प्रबल हो गई।
जंगल का राजा कौन ? |
चीता से मिलने के बाद लोमड़ी जंगली भैंसों के पास गई और बोली - " आप लोग इतने बलशाली हो कि शेर को बिल्ली की तरह उछाल कर फेंक देते हो किंतु इस जंगल का राजा शेर क्यों है। आप लोग तो झुंड में रहते हैं और आप का सामना शेर तो क्या जंगल का कोई भी जानवर नहीं कर सकता है। इस जंगल का राजा तो आप लोगों को होना चाहिए।" जंगली भैंसा भी लोमड़ी की बातों में आ गया और जंगल का राजा बनने के लिए तैयार हो गया।
इसके बाद लोमड़ी हिरण के पास गई और बोली - " हिरण भाई ! इस जंगल में सबसे ज्यादा तादाद तो तुम्हारी है अगर जंगल में चुनाव हो जाएं तो हिरणों में से ही कोई ना कोई जंगल का राजा अवश्य बनेगा । " हिरणों का मुखिया बोला - " नहीं बहन ! हम में से किसी को भी राजा बनने का शौक नहीं है । हम चुनाव नहीं लड़ेंगे अगर हम चुनाव लादे और शेर को पता चल गया तो वह हमें नहीं छोड़ेगा । अगर लोमड़ी तुम्हें चुनाव लड़ना है तो तुम लड़ सकती हो। "
लोमड़ी के तो मानो मन की बात हो गई वह तो यही चाहती थी। लोमड़ी बोली - "अगर आप लोग मुझे वोट दोगे तो मैं भी चुनाव लड़ सकती हूं।"
हिरण ने लोमड़ी को वोट देने के लिए हामी भर दी। अब लोमड़ी तो बहुत खुश थी लोमड़ी बंदरों के पास जाती है और कहती है - " मित्र बंदर ! इस जंगल में आप तो बहुत बड़ी तादाद में हो । तुम तो पेड़ पर भी रह सकते हो और जमीन पर जंगल पर भी और मानव बस्ती में अर्थात आप सर्वगुण संपन्न हो । जंगल का राजा तो ऐसे व्यक्ति को ही होना चाहिए जो सर्वगुण संपन्न हो।"
बंदर बोले - " हम में से किसी को भी राजा बनने का कोई शौक नहीं है अगर तुम्हें चुनाव लड़ना है तो हम तुम्हें ही वोट देंगे।" बंदरों की बात सुनकर लोमड़ी बहुत खुश हुई और उसने जंगल के सभी जानवरों के साथ मिलकर चुनाव लड़कर नया राजा नियुक्त करने के लिए सभी को तैयार कर लीं ।
जंगल के सभी जानवर इकट्ठे हुए और शेर के पास जाकर जंगल में चुनाव कराने की बात कही। शुरू में तो शेर नाराज हुआ किंतु जंगल के सभी जानवरों के चुनाव कराने की बात पर तैयार हो गया।
उसी समय शिकारियों द्वारा जंगल के जानवरों को घेर लिया जाता है। सारे जानवर शेर से कहते हैं महाराज हमें बचाईये। शेर बोला- " अब मैं इस जंगल का राजा नहीं हूं । आप में से जो भी जंगल का राजा बनना चाहता है वह शिकारियोंका सामना करे और उनसे जंगल के जानवरों की रक्षा करें। "
शिकारियों से लड़ने के लिए जंगल का कोई भी जानवर तैयार नहीं होता। तब शेर कहता है जिराफ हाथी गैंडा चीता और लोमड़ी तुम लोग जंगल का राजा बनना चाहते हो तो तुम्हें ही इनका सामना करना पड़ेगा। यह सुनकर सभी जानवर कहते हैं कि उनमें इतना सामर्थ और जिगरा नहीं है कि हम इन शिकारियों का सामना कर सकें। यह काम तो शेर ही कर सकते हैं। वे लोग राजा बनना जितना आसान समझते थे इतना आसान नहीं है नाही राजा की जवाबदारी संभालना हर किसी के बस की बात है।
Jungal ka raja koun |
जंगल के सभी जानवरों के आग्रह पर शेर शिकारियों से जाकर भिड़ गया । शेर के हमले से डरकर सारे शिकारी भाग खड़े हुए। अब जंगल के सारे जानवरों को समझ में आया क्यों शेर को जंगल का राजा कहा जाता है। जंगल के सारे जानवरों को अपनी गलती का एहसास हुआ और शेर के आग्रह पर जंगल में चुनाव तो हुए किंतु जंगल के सारे वोट शेर को ही मिले इस प्रकार शेर निर्विवाद जंगल का राजा बन गया।
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