बीबी के गुलाम |
पत्नी के गुलाम | Bibi ke Gulam -
एक राज्य में नन्द नामक राजा राज्य करता था | राजा नन्द अत्यंत पराक्रमी और शक्तिशाली था उसका राज्य चारो दिशाओं में फैला हुआ था | राज नन्द की पत्नी अत्यधिक सुन्दर थी लेकिन स्वभाव से बहुत तीखी थी | राजा नन्द अपनी पत्नी को अत्यधिक प्रेम करता था और उसके रूठ जाने पर मनाने के लिए कुछ भी कर सकता था |राजा नन्द का एक मंत्री था जो अत्यधिक विद्वान और शास्त्रों में पारंगत था | राजा अपने मंत्री पर बहुत भरोसा करता था और शासन चलाने में मंत्री की सलाह अवश्य लेता था | मंत्री की पत्नी का स्वभाव भी बहुत कठोर था | एक बार मंत्री की पत्नी रूठ गई और मंत्री के बहुत मनाने पर भी नहीं मान रही थी तब मंत्री बोला- “ प्रिय ! तुम्हारा रूठना किस प्रकार दूर हो सो कहो | तुम जो कहोगी मैं वही कार्य करूँगा जिससे तुम प्रसन्न हो जाओ |”
मंत्री की पत्नी बोली-“ मै तभी मानूंगी जब तुम अपने बाल मुंडवा लो और मेरे पैरों में गिरकर मुझे मनाओ |” मंत्री ने वैसा ही किया जैसा उसकी पत्नी बोली थी | मंत्री के ऐसा करने से वह खुश हो गई |
उसी दिन राजा की पत्नी भी रूठ गई और राजा के मनाने पर भी नहीं मानी अंत में राजा ने कहा –“ प्रिय ! तुम्हारा रूठना मेरी मृत्यु के समान है | तुम्ही बतलाओ मै तुम्हे कैसे मनाऊं | “
राजा की पत्नी बोली – “मै चाहती हूँ तुम्हारे मुंह में लगाम लगाकर तुम्हारे ऊपर बैठ जाऊं और तुम घोड़े की तरह हिनहिनाते दौड़ो |”
राजा ने रानी की इच्छा पूरी की और खुद घोडा बन गया | यह बात धीरे-धीरे मंत्रीमण्डल तक भी पहुँच गई | दूसरे दिन राज दरवार लगा था राजा ने मंत्री को देखकर पुछा – “ मंत्री जी ! आपने किस कारण से अपना सिर मुंडवाया है |”
मंत्री ने जवाब दिया – “ महाराज ! मैंने उसी कारण से सिर मुंडवाया है जिस कारण से पुरुष अपने मुंह में लगाम डालकर घोड़े की तरह हिनहिनाते हुए दौड़ लगाते हैं | “
यह बात सुनकर राजा बहुत लज्जित हुआ |
शिक्षा – “ हमें अपनी मर्यादा के विरुद्ध ऐसे कार्य नहीं करने चाहिये जिससे लोगों के सामने शर्मिंदा होना पड़े |”
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