rani kamlavati koun thin, rani kamlavati jivni aur itihas
Rani Kmlapati

कौन थीं रानी कमलापति | Rani Kmalapati koun thi -

रानी कमलापति भोपाल की अंतिम गोंड रानी थीं | रानी कमलापति के पति गिन्नौरगढ़ के गोंड राजा निजाम शाह थे | राजा निजाम शाह की हत्या उनके ही रिश्तेदारों ने करवा दी थी | रानी कमलापति ने  मोहम्मद खान की सहायता से अपने पति की हत्या का बदला लिया | बाद में मोहम्मद खान ने भोपाल पर कब्ज़ा कर लिया था | रानी कमलापति की खूबसूरती और वीरता के बारे में एक कहावत आज भी भोपाल और आस-पास के इलाकों में कही जाती है –
ताल तो भोपाल ताल , बाकि सब तलैया |
रानी तो कमलापति, बाकि  सब रनैया |  

रानी कमलापति का जन्म और बचपन-

रानी कमलापति का जन्म सलकनपुर ( वर्तमान सीहोर जिला का एक हिस्सा) रियासत के राजा कृपाल सिंह रतौलिया के  महल में हुआ |  कमल की तरह सुन्दर दिखने के कारण कन्या का नाम कमलापति रखा गया | कमलापति बचपन से ही बुद्धिमान और शाहसी थीं | कन्या कमलापति के बड़ा होने पर उनकी सुन्दरता की चर्चा चारो तरफ होने लगी |

रानी कमलापति का विवाह  –

कमलापति का विवाह राजकुमार  निज़ाम शाह के सांथ हुआ | निजाम शाह के पिता गिन्नौरगढ़  के राजा सुराज सिंह शाह ( सलाम शाह ) थे | गिन्नौरगढ़ 750 गांवों से मिलकर बना राज्य था इनके अधिकार क्षेत्र में भोपाल भी आता था  | बाद में कुंवर निज़ाम शाह राजा बने | राजा निजाम शाह की सात पत्नियाँ थें | उन्ही में एक थीं रानी कमलापति जो सभी रानियों में सबसे सुन्दर और परियों की तरह दिखती थीं | अपनी सुन्दरता के कारण रानी कमलापति राजा निजाम शाह को सबसे ज्यादा प्रिय थीं | राजा निज़ाम शाह ने भोपाल में रानी कमलापति के लिए सात मंजिला महल बनवायाथा | राजा निजाम शाह और कमलापति को एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई , पुत्र का नाम नवल शाह रखा गया |

राजा निजाम शाह की हत्या –

उस समय बाड़ी में राजा निज़ाम शाह के भतीजे आलम शाह का राज था | आलम शाह अपने चाचा निज़ाम शाह के राज्य को हड़पना चाहता था और लगातार कुछ न कुछ षडयंत्र रहता था | 1720 ईसवी के आस-पास आलम शाह ने धोखे से राजा निज़ाम शाह को जहर देकर उनकी हत्या कर दी | रानी कमलापति अपनी और अपने पुत्र नवल शाह की जान बचाने के लिए गिन्नौरगढ़ से भोपाल के कमलापति महल में  आ गई |

rani kamlapati koun thin jivni aur itihas , rani kamlapati palace
Rani Kamlapati Palace Bhopal

रानी कमलापति का बदला –


राजा निज़ाम शाह की मृत्यु के बाद रानी बहुत परेशान थीं | रानी अब किसी तरह अपने पति की हत्या का बदला लेना चाहती थी पर उसके पास इतनी बड़ी और कुशल सेना नहीं थी | रानी कमलापति ने आलम शाह से बदला लेने के लिए दोस्त मोहम्मद खान से सहायता मांगी | इस समय मोहम्मद खान जगदीशपुर का शासक था जगदीशपुर पर कब्ज़ा करने के बाद उसने इसका नाम इस्लामनगर रख दिया | दोस्त मोहम्मद खान पहले मुग़ल सेनापति भी रह चुका था कुछ इतिहासकारों के अनुसार वह अफगानिस्तान से आया था जो पैसे के बदले सैनिक सहायता प्रदान करता था  | मोहम्मद खान ने रानी कमलापति के सहायता के लिए हामी भर दी परन्तु बदले में 1 लाख रूपये मांगे | रानी  एक लाख रूपये देने के लिए तैयार हो गई | दोस्त मोहम्मद खान ने बाड़ी के राजा आलम शाह पर हमला करके उसकी हत्या कर दी | इस प्रकार रानी कमलापति ने अपने पति की हत्या का बदला ले लिया |

भोपाल पर दोस्त मोहम्मद का अधिकार -


रानी कमलापति ने दोस्त मोहम्मद को एक लाख रूपये देने का वादा  किया था जिसे वो पूरा नहीं कर पाई,  बदले में रानी कमलापती ने 
दोस्त मोहम्मद को भोपाल का एक हिस्सा दे दिया | कुछ इतिहासकारों के अनुसार रानी कमलापति दोस्त मोहम्मद को राखी बंधती थीं और उसे  अपना भाई मानती थीं किन्तु दोस्त मोहम्मद सम्पूर्ण भोपाल पर अपना अधिपत्य स्थापित करना चाहता था |  कुछ वर्षों बाद भोपाल पर कब्जे को लेकर रानी कमलापति के 14 वर्षीय  पुत्र नवल शाह और दोस्त मोहम्मद के बीच लड़ाई हुई  | यह लड़ाई वर्तमान भोपाल के लाल घाटी  में हुई | इस लड़ाई  में नवल शाह वीरगति को प्राप्त हुए | कहा जाता है कि इस लड़ाई में इतना रक्त बहा की सम्पूर्ण घाटी खून से लाल हो गई और इसका नाम ही लालघाटी पड़  गया |  इस प्रकार भोपाल पर दोस्त मोहम्मद का अधिकार हो गया |

रानी कमलापति का बलिदान |  Sacrifice of Rani Kmlapati  -

रानी कमलापति को जब यह दुखद समाचार मिला तो दोस्त मोहम्मद से बचने के लिए उन्होंने अपना बलिदान देना ही उचित समझा | रानी कमलापति ने बड़े तालाब के संकरे रास्ते को खुलवा दिया जिससे बड़े तालाब का पानी छोटे तालाब में  आने लगा | रानी कमलापति ने अपनी सारी सम्पति, धान-दौलत पानी में डालकर स्वयं भी जल समाधी लेकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली  और अपने मान-सम्मान और अस्मिता की रक्षा करते हुए  इतिहास में सदा-साद के लिए अमर हो गईं | 

ऐसा जोहर सिर्फ भारतीय परम्पराओं में ही मिलता है जिसमें नारी ने अपने अदम्य साहस से अपने प्राणों का न्योछावर कर अपनी अस्मिता, सम्मान और धर्म को बचाया है |  

रानी कमलापति के नाम पर बने कुछ प्रमुख स्मारक -

भोपाल शहर में रानी कमलापति की याद में पार्क और स्मारक बनाए गए हैं , जिनमे प्रमुख है - 

कमलापति का महल – 

भोपाल में स्थित सात मंजिला कमलापति महल वास्तुकला का अत्यंत सुन्दर नमूना है | इस महल की आधे से अधिक मंजिल पानी में डूबी हुईं हैं |

rani kamlapati koun thin jivni aut itihas
Rani Kamlapati ka Mahal Bhopal

रानी कमलापति रेल्वे स्टेशन - 

रानी कमलापति की वीरता और उनके संघर्ष को याद करते हुए भोपाल स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेल्वे स्टेशन गया  है | प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवम्बर 2021 को इसका लोकार्पण करेंगें | यह देश के सबसे आधुनिक रेल्वे स्टेशन में से एक है जिसमें एअरपोर्ट के समान ही सुविधाएँ दी गईं हैं |

कमला पार्क - 

भोपाल शहर के मध्य स्थित यह पार्क भोपाल शर का सबसे प्रमुख पार्क है जो रानी कमलापति के नाम पर रखा गया है |