Lalchi kutta - kahani |
लालची कुत्ता और हड्डी की कहानी| Lalachi Kutta ki kahani
एक गाँव में एक कुत्ता रहता था , एक दिन उसे किसी जानवर की हड्डी मिल गई | कुत्ते ने पहले तो बड़े चाव से उस हड्डी को चबाया और जब वह हड्डी को चबाते-चबाते थक गया तब उसे नींद आ गई और वह सो गया |
जब कुत्ता सोकर उठा तब तक दोपहर हो जाने के कारण गर्मी बढ़ गई और कुत्ते को प्यास भी लग आई | कुत्ता अब अपनी प्यास बुझाना चाहता था परन्तु वह उस हड्डी को भी नहीं छोड़ना चाहता था इसीलिए उसने मुहं में हड्डी रखी और पानी पीने के लिए नदी की तरफ चल दिया | नदी बहुत गहरी थी | कुत्ता अपने मुंह से हड्डी निकलकर कहीं रखना चाहता था किन्तु उसे लगा कोई दूसरा कुत्ता आकर उसकी हड्डी ना ले जाए | कुत्ता मुहं में हड्डी दवाये हुए जैसे ही नदी के पास पहुंचा उसे नदी के पानी में अपनी परछाई दिखलाई दी | कुत्ते को लगा , यहाँ कोई दूसरा कुत्ता है जिसके मुंह में भी हड्डी है | कुत्ते के मन में लालच आ गया उसे लगा उसके पास एक हड्डी पहले से है और इस दूसरे कुत्ते की हड्डी भी छीन लूँ तो मेरे पास दो हड्डियाँ हो जाएँगी |
कुत्ते ने उसे डराने के लिए भोंकने हेतु जैसे ही अपना मुंह खोला उसके मुंह से हड्डी पानी में गिर गई और बहकर कहीं गुम हो गई | कुत्ते को दूसरी हड्डी तो मिली नहीं बदले में उसके पास पहले से जो हड्डी थी वो भी चली गई | अपने द्वारा की गई इस गलती पर कुत्ता बहुत पछताया |
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