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Hoshiyar Bell Aur Sher ki kahani |
होशियार बैल और शेर की कहानी | Hoshiyar Bell Aur Sher Ki Kahani -
एक किसान था उसके पास दो बैल थे | उनमें से एक बैल बूढ़ा हो गया था अब उस बैल से खेती किसानी का काम नहीं हो पाता था | किसान ने सोचा कि अब इस बैल को खेती के कार्य से मुक्त कर दिया जाये | एक दिन किसान उस बैल को जंगल ले गया और बैल से बोला – “ तुमने हमेशा मेरा सांथ दिया और अब तुम बूढ़े हो गए हो इसीलिए मैं तुम्हें आजाद करना चाहता हूँ , तुमने जिन्दगी भर मेरी गुलामी की है और मैं चाहता हूँ कि अब तुम अपनी जिन्दगी अपने हिसाब से आजादी से जी लो इसीलिए तुम्हें आजाद करता हूँ |”
बैल किसान से अलग होकर उदास तो था पर उसे लगा शायद उसका मालिक उसे अपने सांथ नहीं रखना चाहता है इसी कारण उसने भी किसान के सांथ जाने की जिद नहीं की और जंगल में अपने रहने के लिए सुरक्षित स्थान ढूंढने लगा | उसे जंगल में की खाली गुफा मिल गई वह आराम से उस गुफा में रहने लगा |
एक दिन उसे गुफा की तरफ आते हुये एक शेर दिखा | शेर को लगा गुफा में कोई छोटा-मोटा जानवर होगा जिसका वह शिकार कर लेगा और इसी गुफा में आराम से रहेगा | शेर जैसे ही गुफा के पास पहुंचा बैल डर गया तभी बैल को एक युक्ति सूझी | गुफा के अन्दर से बैल अपनी आवाज को भारी करते हुए बोला – “ अरे भागवान सुनो ! मुझे आज बहुत भूख लगी है और भूख से बच्चे भी रो रहे हैं , अच्छा हुआ जो एक शेर इसी गुफा की तरफ आ रहा है | मैं उसका शिकार कर लूँगा , पर पता नहीं एक शेर से हम सबका पेट भर पायेगा की नहीं ? ”
बैल की बात सुनकर शेर को लगा गुफा के अन्दर कोई बहुत बड़ा जानवर है जो शेर का भी शिकार कर सकता है | शेर वहां से दुम दबाकर भाग गया | शेर और भागते हुए एक सियार ने देख लिया | दरअसल बैल से पहले सियार उस गुफा में रहता था और बैल को गुफा से निकालना चाहता था | अगले ही दिन सियार शेर के पास पहुँच गया और हिम्मत कर शेर से बोला – “ महाराज ! क्षमा करें ,आप जंगल के राजा है और कल आप गुफा के पास से डर कर भाग रहे थे | आखिर उस गुफा में ऐसा क्या था जो आप इतने डर गए ? “
शेर संकोच करते हुए बोला – “ हाँ मैं जंगल का राजा हूँ पर उस गुफा में कोई मुझसे भी अधिक शक्तिशाली जानवर रहता है जो शेर का भी शिकार कर सकता है | कल अगर में उस गुफा में चला जाता तो वो मेरा शिकार करके अपने बीबी बच्चों को खिला देता |”
सियार बोला- “ महाराज ! उस गुफा में तो क्या इस जंगल में ऐसा कोई जानवर नहीं है जो आपका शिकार कर सके | उस गुफा में तो एक बूढ़ा बैल रहता है |”
शेर को सियार की बात पर विश्वास नहीं हुआ और शेर बोला- “ नहीं , नहीं ! उस गुफा के अन्दर से जो आवाज आ रही थी वो किसी बैल की नहीं हो सकती , वो यकीनन ही कोई नया और मुझसे भी अधिक शक्तिशाली जानवर है , अगर में वहां गया तो वो मेरा शिकार कर लेगा |”
सियार शेर से बोला – “ महाराज अगर आप को यकीन नहीं है तो हम फिर से उस गुफा में चलते है और आप एक रस्सी अपने शरीर पर बांधना और उसका दूसरा छोर मेरे शरीर से बांध देना ताकि मैं भी वहां से भाग ना सकूँ |”
शेर को सियार की बात पसंद आई उसने एक रस्सी से खुद को और सियार को बांध लिया और उस गुफा के पास पहुँच गया | बैल ने शेर और सियार को गुफा की तरफ आते हुए देख लिया | बैल समझ गया की सियार ने शेर को सब कुछ बतला दिया है | जैसे ही शेर और सियार गुफा के पास पहुंचे बैल बुलन्द आवाज में बोला- “ अरे भागवान सुनो ! आज तो बहुत अच्छा दिन है इस गुफा की तरफ एक शेर और उसके सांथ एक सियार भी आ रहा है | अकेले शेर से तो मेरा ही पेट नहीं भरता आज उसके सांथ सियार भी है , लगता है आज पेट भर खाना मिलने वाला है |”गुफा के अन्दर से इस तरह की आवाज सुनकर शेर फिर से डर गया और वहां से बहुत ही तेजी से भागने लगा | शेर के सांथ रस्सी से सियार भी बंधा था | सियार शेर जितना तेज नहीं भाग पा रहा था और गिरते पड़ते शेर के सांथ घिसटता हुआ लहु लुहान हो गया | इसके बाद सियार ने कभी भी शेर को गुफा में जाने के लिए नहीं कहा और ना ही शेर कभी दुबारा उस गुफा की तरफ गया |
इस तरह उस बूढ़े बैल ने अपनी बुद्धिमानी से ना सिर्फ अपनी जान बचाई बल्कि उस गुफा में रहते हुए सुखपूर्वक अपने दिन बिताये |
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