गीदड़ और बकरा हिंदी कहानी |
गीदड़ और बकरा हिंदी कहानी | Jackal and goat hindi Story
एक बार एक गीदड़ जंगल से भटकते हुए एक गाँव के नजदीक पहुँच गया | गाँव के हरे भरे खेत और जगह –जगह पालतू पशु , भेढ़ ,बकरी आदि देखकर बहुत खुश हुआ कि यहाँ पर तो मुझे खूब शिकार मिलेगा | तभी वह धोखे से एक बगैर मुंडेर बाले कुंए में जा गिरा | कुंए में पानी अधिक नहीं होने से वह डूब नहीं पाया लेकिन बाहर निकलने का बहुत प्रयास करने के बाबजूद बाहर नहीं निकल पाया | तभी एक बकरा घांस चरते-चरते कुंए के पास पहुँच गया उसने देखा कि एक गीदड़ कुंए में खड़ा है |बकरे ने पूछा-‘’ क्यों गीदड़ भैया ! आप इस कुंए के अन्दर क्या कर रहे हो |’’
गीदड़ चालाक था उसने कहा – ‘’अरे बकरे भैया इस कुंए का पानी तो शर्बत की तरह बहुत मीठा है इसलिए मैं प्यास बुझाने चला आया, आप अच्छे आ गए आपको भी प्यास लग आई होगी आप भी आ जाओ दोनों मिलकर खूब पेट भर पानी पियेंगे |’’
बकरे ने सोचा गीदड़ ठीक ही तो बोल रहा है घांस चरते–चरते मुझे प्यास भी लग आई है क्यों न शर्बत जैसे पानी का आनंद लिया जाये और बकरे ने गीदड़ की बातों में आकर कुंए में छलांग लगा दी | गीदड़ तो यही चाह रहा था उसने तत्काल बकरे के ऊपर चढ़कर एक छलांग लगाईं और कुंए से बहार आ गया | अब बकरा अकेला रह गया उसने पहले पेट भर पानी पिया फिर बाहर निकलने का प्रयास करने लगा लेकिन सफल नहीं हो सका तब वह गीदड़ की बातों में आने पर अपने किये पर पछताने लगा और मदद के लिए जोर –जोर से चिल्लाने लगा |
इतने में बकरे का मालिक उसे ढूंढते हुए कुंए के नजदीक पहुंचा तो कुंए के अंदर से बकरे की आबाज सुनाई दी तब उसने कुंए के अन्दर झांककर देखा तो कुंए के अन्दर उसका बकरा खड़ा है | पहले तो उसे बकरे पर बहुत गुस्सा आया लेकिन फिर उसे बहार निकलने का प्रयत्न करने लगा उसने अपने घर से एक लम्बी रस्सी लेकर आया और गाँव बालों कि मदद से बकरे को बाहर निकाला | बाहर निकालकर रस्सी खोलकर बकरे के मालिक ने उसको दो चाबुक मारे तो बकरा चिल्लाते हुए उसके साथियों में जा मिला |
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